भीड़

" भीड़ "


 भीड़ के पीछे तो पूरी दुनियाँ भागती हैं,

अलग हूँ,

शायद इसलिए ही खुद की राह खुद बनाना चाहता  हूँ । ✌️


गलती जो मेरी देखते हैं वो, नहीं जानते शायद 

फितरत में नहीं मेरी छीनना किसी से हक़ किसी का । 🤗


तभी मंजिल खुद की मैं खुद बनाता हूँ । 

शायद हूँ गलत नजरों में तेरी 

मगर

मंजिल की और अपने फिर भी चलते जाता हूँ । 😇🤘🏻

अलग हूँ ,

शायद इसलिए ही खुद की राह खुद बनाना चाहता  हूँ । ✌️




आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के प्रतीक्षा में 🙏🤗


आपका अपना 
-harsh_मधुरज़०✍️


Comments

  1. व्वा खूप छान लिहिलंय अप्रतिम 👌👌👌

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  2. अरे वा मस्त च 🙌🏻 खूप खूप छान 👌🏻👌🏻

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  3. व्वा व्वा खुप मस्त 👌👌👌

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आपल्या अमूल्य भावनांना इथे मोकळीक द्या ।🤗